Government Examination Bill: पब्लिक एग्जामिनेशन बिल लोकसभा में पास, उत्तर पुस्तिका के साथ छेड़छाड़ करने वालों को 10 साल तक की जेल और एक करोड़ का जुर्माना

लोकसभा ने मंगलवार 6 फरवरी को सरकारी भर्ती परीक्षा में पेपर लीक नकल पर रोग लगाने के लिए धोखाधड़ी विरोधी वेल पास कर दिया इसके अनुसार अधिकारियों के साथ मिलकर परीक्षा के पेपर लीक करने या उत्तर पुस्तिका के साथ छेड़छाड़ करने वालों को 10 साल तक की जेल और एक करोड़ का जुर्माना लगेगा |

नई दिल्ली. Government Examination Bill 2024:

आपको बता दें कि इससे पहले सोमवार को लोकसभा में पेपर लीक पर बिल पेश किया गया. द पब्लिक एग्जामिनेशन बिल 2024 पेश किया गया. परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए बिल पेश किया गया. तथा सरकारी कर्मियों के लिए सीएस का नया कोड ऑफ कंडक्ट, राजकीय कार्यालय में समय की पाबंदी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए |
1 से 10 साल तक सजा का प्रावधान है. छात्रों को कानून से बाहर रखा गया. आपको बता दें कि प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी और अनियमितताओं से सख्ती से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने सोमवार को संसद में एक नया विधेयक पेश किया.

पेपर लीक माफियाओं पर कसा जायेगा शिकंजा

हर साल पेपर लीक के चलते कई परीक्षाएं रद्द करनी पड़ती हैं. अब मोदी सरकार ने इस द‍िशा में ठोस कदम उठाया है. सोमवार को लोकसभा में लोक परीक्षा अनुचित साधन रोकथाम विधेयक Public Examination Bill: पेश किया गया.इससे पहले सरकार के सूत्रों ने बताया कि प्रस्तावित विधेयक में विद्यार्थियों को निशाना नहीं बनाया जाएगा, बल्कि इसमें संगठित अपराध, माफिया और साठगांठ में शामिल पाए गए लोगों के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है. विधेयक में एक उच्च-स्तरीय तकनीकी समिति के गठन का भी प्रस्ताव है, जो कम्प्यूटर के माध्यम से परीक्षा प्रक्रिया को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए सिफारिशें करेगी. यह एक केंद्रीय कानून होगा और इसके दायरे में संयुक्त प्रवेश परीक्षाएं और केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए होने वाली परीक्षाएं भी आएंगी.

बिना वारंट के पुलिस कर सकती है शीदे गिरफ्तार

नियमन में जोड़ा गया विधेयक सरकारी अधिकारियों के साथ परीक्षा प्रश्‍न पत्रों के लीक करने या उत्तर पुस्तिकाओं के साथ छेड़छाड़ करने वालों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई का प्रावधान करता है। इस विधेयक के प्रावधानों के अनुसार, ऐसे अपराधियों पर 10 साल तक की कारावास और एक करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। इस विधेयक के तहत, सभी अपराध संज्ञेय, गैर-जमानती और गैर-शमनयोग्य माने जाएंगे, जिससे यह स्पष्ट होता है कि पुलिस को संदिग्धों को बिना वारंट के गिरफ्तार करने का अधिकार होगा। साथ ही, आरोपी को जमानत का हकदार नहीं माना जाएगा और कथित अपराधों को समझौते के माध्यम से सुलझाने की अनुमति नहीं होगी।

ये परीक्षाएं आएंगी नए कानून के दायरे में

2024 के लोक परीक्षा (अनुचित साधन रोकथाम) विधेयक के दायरे में, सभी प्रतियोगी परीक्षाएं शामिल होंगी जो केंद्रीय एजेंसियां आयोजित करती हैं। उदाहरण के लिए, यूपीएससी द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षाएं (सिविल सेवा, सीडीएस, एनडीए आदि), एसएससी परीक्षाएं, नीट, सीएटी, आईआईटी-जेईई, यूजीसी नेट, सीएसआईआर नेट, एनटीए आएंगी। साथ ही, केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए होने वाली परीक्षाएं भी इसी के दायरे में आएंगी।

छात्रों को नहीं बनाया जाएगा निशाना

इस विधेयक में स्टूडेंट्स को निशाना नहीं बनाया जाएगा, बल्कि इसमें संगठित अपराध, माफिया, और साठगांठ में शामिल पाए गए लोगों के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है। विधेयक में एक उच्च-स्तरीय तकनीकी समिति का भी प्रस्ताव है, जो कम्प्यूटर के माध्यम से परीक्षा प्रक्रिया को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए सिफारिशें करेगी।

विधेयक में सजा और जुर्माने के ये होंगे प्रावधान Details:

विधेयक में उल्लंघन करने वाले दोषियों को न्यूनतम 3 से 5 साल तक की कैद और 10 लाख तक की पेनल्टी का प्रावधान है। विधेयक में संगठित अपराध से जुड़े केस में 5 से 10 साल तक की कैद और न्यूनतम एक करोड़ रुपए का जुर्माना का प्रस्ताव है। सेवा प्रदाता पर भी नियमों के उल्लंघन पर 1 करोड़ रुपए तक का जुर्माना और परीक्षा की आनुपातिक लागत की वसूली का प्रस्ताव शामिल है।

Leave a Comment

Share via
Copy link