जब धमाके के कुछ मिनट बाद ही पुलिस ने इलाका सील कर दिया था तो घरों से चोरी कैसे हो गई? जबकि निवासियों को भी नजदीक नहीं जाने दिया और इलाका सील था |
Harda Blast: नईदुनिया प्रतिनिधि, हरदा: पिछले मंगलवार को बैरागढ़ में एक पटाखा फैक्ट्री में हुए धमाकों के बाद लोग अस्पतालों में उपचार करा रहे थे। उनके खाली घरों को चोरों ने निशाना बनाया और नगदी, जेवरात, और गृहस्थी के सामान को चुरा लिया। धमाके के बाद, बचाव कार्य के चलते फैक्ट्री के आसपास रहने वालों को उनके घरों की ओर जाने नहीं दिया गया। जब पीड़ित परिवार गुरुवार को वापस पहुंचे, तो उन्हें चोरी की खबर मिली। इस घटना के परिणामस्वरूप पीड़ितों पर दोहरी मार पड़ रही है। सवाल उठता है कि धमाके के कुछ ही देर बाद पुलिस ने इलाका सील कर दिया था, और निवासियों को भी नजदीक नहीं जाने दिया गया था, तो घरों से चोरी कैसे हो गई?
- Harda Blast: मां इंदौर तो बहू-बेटा जिला अस्तपताल में भर्ती, घर में चोरी कैसे
सीहोर में रहने वाली सुमन परिवार के धमाके में घायल होने की सूचना पर मायके बैरागढ़ पहुंची। उनकी मां इंदौर के एमवाय अस्पताल में भर्ती हैं, जबकि भाई और भाभी का हरदा जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। सुमन ने बताया कि दो दिनों से अस्पताल में भैया-भाभी का ध्यान रख रही थी। जैसे ही पता चला रास्ता खुल गया है तो घर पहुंची। गुरुवार दोपहर घर पहुंचने पर देखा कि घर में कोई सामान नहीं है। चोर सब समेट ले गए, बस आधार कार्ड और कुछ पुराने चिथड़े ही छोड़े हैं। अब समझ नहीं रहा कि यहां कैसे रहूं और कैसे परिवार को संभालूं।
धमाके के वक्त घरों से भागे थे लोग , नकदी व जेवरात चोरी
हेमराज परमार ने बताया कि मेरा घर बैरागढ़ फैक्ट्री के पास ही है। हादसे के दिन बड़ी मुश्किल से जान बचाकर भागे थे। दो दिनों तक पुलिस ने आने की कोई सूचना नहीं दी। आज लौटे तो पता चला कि घर से 35 हजार रुपये और मां के जेवर चोरी हो गए।
बहू-बेटा भर्ती, चोरी हो गए मवेशी
इसी क्षेत्र में रहने वाली जानकी बाई के बेटे-बहू धमाके की चपेट में आकर घायल हो गए। उन्हें पहले जिला अस्पताल में चिकित्सा प्राप्त हुई, और फिर वहां से इंदौर के एमवाय अस्पताल में ले जाया गया। जानकी बाई गुरुवार को लौटी तो उन्होंने देखा कि उनकी मवेशी कहीं भी नहीं है। उनका कहना है कि 10 भेड़-बकरियां और एक गाय थी, अब किसी का पता नहीं चल रहा है|