Yashsavi Jaiswal ,Sarfaraz Khan , Dhruv Jurel : यशस्वी जायसवाल , सरफराज खान और ध्रुव जुरेल की रियल स्टोरी की पूरी कहानी

टीम इंडिया ने इंग्लैंड के खिलाफ राजकोट टेस्ट मैच में 434 रनों से जीत हासिल की राजकोट टेस्ट मैच में भारतीय टीम की यादगार जीत में तीन युवा खिलाड़ियों का अहम रोल रहा ये तीन खिलाड़ी हैं- यशस्वी जायसवाल, सरफराज खान और विकेटकीपर ध्रुव जुरेल.

Yashasvi Jaiswal,  Sarfaraz Khan and Dhruv Jurel : History

भारतीय टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ राजकोट टेस्ट मैच में 434 रनों से अभूतपूर्व जीत हासिल की। इस जीत के साथ ही टीम इंडिया ने अपने टेस्ट क्रिकेट की इतिहास में एक और गौरवशाली अध्याय जोड़ दिया। यह जीत के साथ ही भारतीय टीम ने पांच मैचों की सीरीज में 2-1 की अग्रणी बन ली। अगला मुकाबला 23 फरवरी से रांची में खेला जाएगा। राजकोट टेस्ट मैच में भारतीय टीम की जीत में तीन नवोदित खिलाड़ियों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। ये तीन खिलाड़ी हैं- यशस्वी जायसवाल, सरफराज खान और ध्रुव जुरेल।

यशस्वी ने अपने पहले टेस्ट मैच में एक डबल सेंचुरी की अद्भुत प्रदर्शन किया, जिससे अंग्रेज बौखलाए। सरफराज ने भी अपने डेब्यू मैच में दोनों पारियों में जोरदार अर्धशतक जमाकर धरा पर कब्जा किया। जुरेल ने भी अपने पहले मैच में 46 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेलकर अपनी योग्यता साबित की। यशस्वी, सरफराज, और जुरेल की क्रिकेट की इस महान यात्रा में उनका संघर्ष अविस्मरणीय है। इन तीनों खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा और मेहनत से टीम इंडिया के लिए नई उम्मीदों की रौशनी बढ़ाई है।

यशस्वी जायसवाल कभी टेंट में रहने को मजबूर

यशस्वी जायसवाल की कहानी, जो भदोही से मुंबई तक की यात्रा है, बेहद प्रेरणादायक है। उन्होंने अपने जीवन के कई मोड़ों पर मुश्किलों का सामना किया और संघर्ष की उसी ऊर्जा के साथ आगे बढ़ते रहे। यशस्वी ने डेयरी में काम किया और गोलगप्पे बेचने का काम भी किया।

28 दिसंबर 2001 को उत्तर प्रदेश के भदोही में जन्मे यशस्वी ने अपने सपनों की पहचान के लिए मुंबई की ओर रवाना होते हुए 12 साल की उम्र में बड़ा निर्णय लिया। वहां, आजाद मैदान में क्रिकेट की शुरुआती कक्षाएं लेते हुए, उन्होंने अपनी प्रतिभा को पहचाना। मुस्लिम यूनाइटेड क्लब के कोच इमरान सिंह के संपर्क में आने के बाद, उन्हें मिली उनकी पहली मौका। कोच ने उन्हें समझाया कि अगर वह मैच में अच्छा प्रदर्शन करेंगे तो उन्हें टेंट में रहने की सुविधा मिलेगी।

आजाद मैदान पर, जहां यशस्वी ने अपने सपनों की तलाश में कई संघर्षों का सामना किया, उनका संघर्ष और प्रयास उन्हें कोच ज्वाला सिंह की नजरों में लाया। उन्हें ताराशने का बीड़ा उठाया और उन्हें सबअर्बन सांताक्रूज स्थित अपनी कोचिंग केंद्र में शामिल किया।

यशस्वी जायसवाल विजय हजारे ट्रॉफी के जरिए सुर्खियों में आए थे

अक्टूबर 2019 में, यशस्वी जायसवाल की जिंदगी में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया जब वे विजय हजारे ट्रॉफी में अत्यंत शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने 113, 22, 122, 203 और 60 रनों की पारियों से अपने दमदार बल्लेबाजी का परिचय दिया। उनके उत्कृष्ट खेल के कारण, वे साऊथ अफ्रीका में आयोजित अंडर-19 वर्ल्ड कप में भी धूम मचाई। वह टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी बने और उनकी टीम उपविजेता रही।

यशस्वी ने अब तक भारत के लिए 7 टेस्ट और 17 T20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं। टेस्ट मैचों में उनकी औसत 71.75 है और उन्होंने 861 रन बनाए हैं, जिसमें तीन शतक और दो अर्धशतक शामिल हैं। T20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में भी उनके नाम में एक शतक और चार अर्धशतक शामिल हैं।

इन सीरीज़ में, यशस्वी ने इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए टेस्ट सीरीज़ में छह पारियों में 109 की औसत से 545 रन बनाए हैं, जिसमें दो दोहरे शतक और एक अर्धशतक शामिल हैं। उनका स्ट्राइक रेट 81 है, जो होली पोपे और स्टोक जैसे इंग्लिश बल्लेबाजों से बेहतर है। उन्होंने मौजूदा सीरीज में 50 चौके और 22 छक्के जमाए हैं, जो कि 332 रनों का योगदान करते हैं।

ध्रुव जुरेल के करियर की कहानी

आगरा में 21 जनवरी 2001 को जन्मे ध्रुव जुरेल, 2020 में भारतीय उप-19 वर्ल्ड कप टीम के उप-कप्तान के रूप में प्रमुख रहे। तब टीम इंडिया फाइनल में बांग्लादेश के खिलाफ DLS के तहत 3 विकेट से हार गई थी। ध्रुव मिडिल ऑर्डर में आकर बैटिंग करते हैं और उनके पास शॉट्स की काफी रेंज है। वे घरेलू क्रिकेट में उत्तर प्रदेश के लिए खेलते हैं और उनके पिता, नेम सिंह जुरेल, कारगिल युद्ध में भाग लेने वाले थे। ध्रुव ने अपने पिता के प्रेरणा से सेना में जाने की इच्छा रखी थी। उन्होंने आर्मी स्कूल में पढ़ाई के दौरान स्विमिंग सीखी और गली क्रिकेट खेलने में रुचि ली।

ध्रुव के पिता नेम सिंह कभी इस बात का समर्थन नहीं करते थे कि उनका बेटा क्रिकेट खेले। जुरेल ने कहा कि एक दिन उनके पिता अखबार पढ़ रहे थे और अचानक उनसे कहा कि एक क्रिकेटर है जिसका नाम भी तुम्हारे जैसा है, उसने खूब सारे रन बनाए हैं। उस दिन ध्रुव डर गए थे और उन्होंने पिता को यह नहीं बताया कि वे क्रिकेटर ही हैं। ध्रुव इस वजह से डर रहे थे कि कहीं उनके पिता उनसे क्रिकेट छोड़ने के लिए ना कह दें।

23 साल के ध्रुव जुरेल ने आईपीएल 2023 में अपने प्रदर्शन से सभी लोगों का ध्यान खींचा था. आईपीएल 2023 में जुरेल ने 13 मैचों में 152 रन 21.71 के एवरेज और 172.73 के विस्फोटक स्ट्राइक रेट से बनाए थे. ध्रुव जुरेल का आईपीएल में डेथ ओवर्स (17-20) में स्ट्राइक रेट बहुत धाकड़ रहा है. बता दें कि आईपीएल के 15वें सीजन से पहले राजस्थान रॉयल्स ने जुरेल को 20 लाख रुपए की कीमत में अपनी टीम से जोड़ा था.

टेस्ट डेब्यू पर प्रत्येक पारी में 50+ स्कोर (भारत के लिए)

दिलावर हुसैन       59 & 57      vs      इंग्लैंड,          1934
गावस्कर              65 & 67*     vs      वेस्टइंडीज,    1971
श्रेयस अय्यर         105 & 65      vs     न्यूजीलैंड,      2021
सरफराज खान     62 & 68*      vs     इंग्लैंड,          2024

सरफ़राज़ खान के करियर की कहानी

26 साल के सरफराज खान की कहानी वास्तव में प्रेरणादायी है। वह एक उदाहरण हैं कि कभी-कभार 70 का औसत रखने वाले बल्लेबाज को अपना पहला टेस्ट मैच खेलने से पहले 45 फर्स्ट-क्लास मुकाबले खेलने पड़ते हैं। सरफराज के करियर में सफलता पाने के लिए उन्हें कई परिश्रम करना पड़ा, और उन्हें नेशनल कॉल-अप के लिए काफी समय इंतजार करना पड़ा।

सरफराज उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से ताल्लुक रखते हैं, हालांकि वह मुंबई में ही रहते हैं. सरफराज के पिता नौशाद ने अपने बच्चों के करियर को संवारने खातिर मुंबई में ही बसने का फैसला किया था. सरफराज अपनी फैमिली के साथ कुर्ला के टैक्सीमैन कॉलोनी में रहते हैं. नौशाद अपने तीनों बेटे सरफराज खान, मुशीर खान और मोईन खान को खुद ही ट्रेनिंग देते हैं.

नौशाद अपने गांव से कई बच्चों को लेकर मुंबई लाए और उन्हें क्रिकेट के गुर सिखाया. वह इकबाल अब्दुल्ला और कामरान जैसे स्टार खिलाड़ियों के कोच रह चुके हैं.

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